Kedarnath yatra schedule 2025: उत्तराखंड का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल केदारनाथ धाम हर साल अक्षय तृतीया के बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलता है। इस साल बाबा केदारनाथ के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे विधिवत रूप से खोले जाएंगे। इससे पहले, बाबा के पंचमुखी विग्रह की डोली यात्रा 28 अप्रैल को उनके शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से शुरू हुई।
28 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे भारतीय सेना के बैंड और ‘जय बाबा केदार’ के जयकारों के बीच बाबा की डोली को रवाना किया गया। यात्रा की शुरुआत से पहले पंचमुखी भगवान शिव की पंच स्नान विधि से पूजा कर उन्हें फूलों से सजी डोली में विराजमान किया गया। इस मौके पर हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।
डोली यात्रा का मार्ग और पड़ाव
डोली यात्रा चार दिन चलेगी।
28 अप्रैल: उखीमठ से गुप्तकाशी
29 अप्रैल: गुप्तकाशी से फाटा
30 अप्रैल: फाटा से गौरीकुंड
1 मई: गौरीकुंड से केदारनाथ धाम
1 मई को डोली बाबा के धाम पहुंचेगी और 2 मई को कपाट खुलने के बाद 6 माह तक दर्शन होंगे।
कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का आरंभ
बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के दो दिन बाद, 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुलेंगे, जिससे चारधाम यात्रा पूरी तरह शुरू हो जाएगी।
भीड़ प्रबंधन के लिए नई टोकन व्यवस्था
इस बार प्रशासन ने केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था लागू की है जिससे घंटों की लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी। हर घंटे 1400 श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी। 10 काउंटर संगम क्षेत्र में स्थापित होंगे, जहां से टोकन बांटे जाएंगे। स्क्रीन पर नंबर दिखने के 15 मिनट बाद ही लाइन में लगने की अनुमति मिलेगी।
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बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने से श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। देश के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचे हैं और बाबा के जयकारों से सम्पूर्ण क्षेत्र गूंज रहा है। स्थानीय व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों में भी उत्साह का माहौल है, क्योंकि यह समय आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
विशेष रूप से सजाया मंदिर परिसर
इसी के साथ गुरुवार की शाम बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली भी केदारनाथ मंदिर पहुंच जाएगी। डोली के स्वागत के लिए मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है और भक्ति संगीत के साथ समारोह आयोजित किया जाएगा। डोली के पहुंचने के साथ ही केदारनाथ धाम में आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्तिभाव चरम पर पहुंच जाएगा।बाबा केदारनाथ के कपाटोद्घाटन के साथ ही आधिकारिक रूप से यात्रा की शुरुआत हो जाएगी और आने वाले महीनों में लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा करेंगे।