May 1, 2025 8:03 pm

सोशल मीडिया :

‘BJP की सरकार दलितों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को नजरअंदाज कर रही’, हमें धमकाने वाले वास्तव में बाबा साहब के संविधान को चुनौती दे रहे- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमेशा से दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के समर्थक सपा के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन को धमका रहे हैं। यादव ने बलिया से पार्टी सांसद सनातन पांडे के आवास पर एक शादी समारोह में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ अपराध चरम पर है। सत्तारूढ़ दल के समर्थक हमें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और हमें डराने के लिए सड़कों पर टायर फेंक रहे हैं, लेकिन हम डरते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हमले सिर्फ व्यक्तियों पर नहीं बल्कि डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के संविधान और राज्य की कानून व्यवस्था पर हैं।

‘BJP की सरकार दलितों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को नजरअंदाज कर रही’
सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमें धमकाने वाले वास्तव में बाबा साहब के संविधान को चुनौती दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा के शासनकाल में अशांति और अराजकता फैलाने वाले तत्वों को राज्य सरकार से संरक्षण मिल रहा है। यादव ने कहा कि खुलेआम अराजकता है। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के लोगों पर हमले हो रहे हैं। सड़कों पर तलवारें लहराई जा रही हैं और पीडीए समुदाय इस अराजकता को देख रहा है।

‘पीड़ित परिवारों को 10-10 करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी दी जाए’
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले को लेकर यादव ने केंद्र से सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ठोस कदम उठाने चाहिए। समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर केंद्र के साथ खड़ी है। यादव ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों को वित्तीय और संस्थागत सहायता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि पीड़ितों के परिवारों को 10-10 करोड़ रुपए, सरकारी नौकरी दी जाए और मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाए।

‘पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक, सरकार की खुफिया तंत्र में कमी’
पहलगाम हमले को बड़ी सुरक्षा में गंभीर चूक का परिणाम बताते हुए यादव ने सवाल उठाया कि आतंकवादी वहां कैसे हमला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला अकल्पनीय है। यह पूरी तरह से खुफिया तंत्र की विफलता थी। सरकार जहां एक तरफ ‘अमृत काल’ की बात करती है, वहीं घायलों को लगभग 90 मिनट तक बिना दवा इलाज के छोड़ दिया गया। उन्होंने कानपुर और गुजरात के पीड़ित परिवारों द्वारा दिए गए बयानों का भी उल्लेख किया और कहा कि पूरे देश ने उनका दर्द देखा है और उनकी चिंताओं को सुना है।

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