लखनऊ जिले के ठाकुरगंज इलाके में बी जे पी के केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर के घर पर शुक्रवार को उनके दोस्त की मौत के मामले में पुलिस ने उनके बेटे (विकास के) खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है । पुलिस ने यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि विनय श्रीवास्तव की हत्या में जिस पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था, वह मंत्री पुत्र के नाम पंजीकृत है । शुक्रवार तड़के केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के घर पर विनय श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या की गई, जहां उनका बेटा विकास किशोर रहता था । हत्या के समय विकास किशोर अपने घर पर नही था ।
पुलिस उपायुक्त (लखनऊ पश्चिम) राहुल राज ने शनिवार को बताया, ” ठाकुरगंज थानाक्षेत्र के बेगरिया मोहल्ला में एक सितंबर को विकास किशोर के आवास पर विनय श्रीवास्तव की हत्या कर दी गई थी ।इस हत्या में विकास किशोर की लाइसेंसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था । इसके संबंध में लाइसेंस धारक के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा 30 (लाइसेंस या नियम के उल्लंघन के लिए सजा) के तहत थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए रिपोर्ट भेजी गयी है।”
पुलिस के मुताबिक ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के कन्हैया माधोपुर वार्ड के बेगरिया फरीदीपुर के विकास श्रीवास्तव से तहरीर मिली थी कि शुक्रवार को तड़के विकास किशोर (केन्द्रीय मंत्री के पुत्र) के आवास पर उनके भाई विनय श्रीवास्तव (30) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी और तीनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकारी। पुलिस के अनुसार तीनों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आकाश कुल्हरी के मुताबिक हत्या में प्रयुक्त लाइसेंसी पिस्तौल केंद्रीय मंत्री के बेटे विकास किशोर उर्फ आशू की है, जिसे बरामद कर लिया गया है। शुक्रवार को कुल्हरी ने पत्रकार वार्ता में कहा था कि इसके लाइसेंस निरस्तीकरण के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उनके अनुसार इसके अलावा एक खोखा कारतूस, एक डीबीआर सीसीटीवी, ताश के 52 पत्ते और दो हजार रुपये बरामद किये गये।
उन्होंने बताया था कि मामले के आरोपियों अजय रावत, अंकित वर्मा और शमीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और विकास की तहरीर पर तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। कुलहरि ने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि चार टीमों का गठन कर उपरोक्त तीनों आरोपियों से पूछताछ की गयी ताे यह जानकारी मिली कि घटना के पहले विकास किशोर उर्फ आशू के घर पर विनय श्रीवास्तव, अजय रावत, अंकित वर्मा, शमीम उर्फ बाबा एवं दो अन्य सौरभ रावत और अरुण प्रताप सिंह उर्फ बंटी जुआ खेल रहे थे।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया था कि जुआ खेलने से पहले सभी लोगों ने शराब पी और जुआ खेलने के क्रम में विनय श्रीवास्तव करीब 12 हजार रुपये हार गया। कुलहरि के मुताबिक कुछ समय बाद अंकित वर्मा, अजय रावत एवं शमीम के कहने पर जुआ बंद हो गया तथा सौरभ रावत और अरुण प्रताप मौके से जुए की रकम लेकर चले गये।
उन्होंने बताया कि विनय इस बात को लेकर अजय, अंकित एवं शमीम से नाराज हो गया और उसने आरोप लगाया कि उन लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से जुए का खेल बंद करा दिया, फिर उनके बीच विवाद होने लगा। संयुक्त पुलिस आयुक्त के मुताबिक तीनों आरोपी उत्तेजित हो गये और वे विनय से हाथापाई करने लगे । कुलहरि का कहना है कि इस बीच मारपीट और खींचतान में विनय का शर्ट फट गया और वह आक्रामक हो गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा था कि वाद-विवाद इतना बढ़ गया और तब बेड पर तकिये के नीचे रखी हुई विकास किशोर की लाइसेंसी पिस्तौल अंकित ने निकाल ली और विनय के माथे पर गोली मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपियों ने घटनाक्रम को समान रूप से स्वीकार किया। कुलहरि ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि घटना के समय विकास किशोर मौजूद नहीं थे। वह शाम (बृहस्पतिवार) को ही चार बजे दिल्ली चले गये थे।