भारतीय स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सीमापार से किसी भी तरह की अवांछनीय हरकत को रोकने के लिए बीएसएफ की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में एक सप्ताह का BSF Operation शुक्रवार से शुरू किया गया है। यह आगामी 17 तारीख तक चलेगा।
इसके तहत पाकिस्तान के बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल ने अपनी नफरी में इजाफा कर दिया है और सभी रैंक के अधिकारियों को सीमा क्षेत्र में जाकर निगरानी व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के लिए निर्देशित किया है। इसके बाद अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अवस्थित सीमा चौकियों का दौरा शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि 15 अगस्त को जहां भारत का स्वतंत्रता दिवस है वहीं इससे एक दिन पहले 14 तारीख को पाकिस्तान अपना स्थापना दिवस मनाता है।
ऐसे महत्वपूर्ण मौकों पर अशांति फैलाने वाले तत्वों से लेकर तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों में लिप्त लोग कोई गड़बड़ी न कर दे, इसी के मद्देनजर भारतीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवान और अधिकारी खास निगरानी रखते हैं। बल के सूत्रों का कहना है कि वैसे तो वर्ष पर्यंत अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था रखी जाती है लेकिन 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे भारतीय राष्ट्रीय पर्वों पर अचूक व्यवस्था करने की दरकार रहती है।
ऑपरेशन अलर्ट के दौरान बल की तरफ से जहां तारबंदी पर पुख्ता निगरानी की जाएगी और नफरी में इजाफा होगा वहीं दिन-रात की गश्त में बढ़ोतरी और सुरक्षा नाकों की तादाद में भी वृद्धि की जा रही है। एक सप्ताह की अवधि में ठेठ सीमा क्षेत्र में जवानों के साथ बल के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। अभियान अवधि में सीसुब अपने सामरिक साजो-सामान के साथ अपडेटेड तकनीकी उपकरणों को भी साथ रखता है ताकि उनका भली भांति परीक्षण हो सके। बीते कुछ अर्से के दौरान सीमा पर लगभग पूर्ण तारबंदी से तस्करी जैसी गतिविधियां इंसानों की ओर से की जानी लगभग नामुमकिन-सी हो गई है।
यही कारण है कि पड़ोसी देश में बैठे तस्करों के सरगना और अन्य भारत विरोधी तत्व ड्रोन का इस्तेमाल करने लगे हैं। बल के जवानों को ड्रोन गतिविधियों के संबंध में भी प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे समय पर उनकी गतिविधि को भांप सकें। उन्हें अगर किसी भी तरह की आवाज सुनाई देती है तो वे अधिकारियों तक इसकी जानकारी पहुंचाते हैं और तब बल के अधिकारी स्थानीय पुलिस के अधिकारियों को साथ लेकर जांच करते हैं। तब इलाके की घेराबंदी करने की भी जरूरत रहती है। पिछले अर्से के दौरान पश्चिमी राजस्थान की गंगागनर, बीकानेर और बाड़मेर के सीमा क्षेत्र में ड्रोन गतिविधियां देखने में आई हैं।
यह भी इंतजाम
– ऑपरेशन अलर्ट की अवधि में सीमा सुरक्षा बल अन्य खुफिया एजेंसियों के साथ तालमेल को पुख्ता बनाने पर जोर देता है। ये एजेंसियां केंद्र के साथ राज्य की भी होती हैं। आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है।
– संवेदनशील इलाकों में अलग से जवानों की तैनाती की गई है। अभियान में बल की सभी यूनिट्स के अधिकारी व जवान हिस्सा ले रहे हैं।
– पश्चिमी राजस्थान के जिलों से सटी भारत-पाकिस्तान की रेगिस्तानी सरहद पर किसी भी तरह की घुसपैठ न हो, इस उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल की ओर से विशेष प्रकार से बंदोबस्त किए जा रहे हैं।