मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर इस समय संसद से लेकर सड़क तक गतिरोध जारी है। विपक्ष के सांसदों का एक डेलिगेशन राज्य के दौरे पर गया है। अपने दौरे के दूसरे और आखिरी दिन सांसदों ने राज्यपाल से मुलाकात की। राज्यपाल से मुलाकात करने से पहले पहले उन्होंने मीडिया से बात की।
इस दौरान उन सांसदों ने सरकार के कार्यप्रणाली पर निशाना साधते हुए वहां की जमीनी हकीकत को मीडिया के सामने रखा। इस डेलिगेशन में शामिल लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, आरजेडी सांसद मनोज झा और टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने मीडिया के सामने सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई।
29 जुलाई को मणिपुर के दौरे पर पहुंचे लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने वहां हिंसा ग्रस्त इलाके में लोगों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद आज उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात करने से पहले मीडिया बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, “मुख्य बात यह है कि मणिपुर को नजरअंदाज कर दिया गया है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने इसे नजरअंदाज किया है। इस वजह से यहां स्थिति खराब हो रही है। जल्द से जल्द शांति बहाल की जानी चाहिए, सद्भाव और न्याय बनाए रखना आवश्यक है।
हम मांग करेंगे कि राज्यपाल सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास करें। यह सरकार की विफलता है। राज्य सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। राज्यपाल राष्ट्रपति को सही रिपोर्ट भेजकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए।
राज्यपाल को सौंपा संयुक्त ज्ञापन
वहीं, TMC सांसद सुष्मिता देव मीडिया से बात करते हुए काफी गुस्से में दिखी। उन्होंने कहा, ‘यहां (मणिपुर) हालात अच्छे नहीं हैं। हम राज्यपाल को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपना चाहते हैं और शांति बहाल करने की अपील करना चाहते हैं। इसके बाद राज्यपाल से मिलने के बाद विपक्ष ने एक संयुक्त ज्ञापन भी सौंपा।
बच्चे खाने के लिए तरस रहें- कांग्रेस सांसद
मणिपुर के प्रभावित हिस्सों का दौरा करने गए डेलिगेशन में शामिल कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम जितना सोच कर आए थे उससे कहीं ज्यादा हालात भयावह हैं। सरकार की बदइंतजामी से एक हॉल में 400-500 लोग रह रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें केवल दाल-चावल मुहैया करा रही है, बच्चों को पूरे दिन खाने के लिए और कुछ नहीं मिल रहा है। बच्चे खाने के लिए तरस रहे हैं। शौचालय या बाथरूम की कोई सुविधा नहीं। जिस तरह से लोग शिविरों में रह रहे हैं वह बहुत हृदय विदारक है।”
इससे पहले असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शुक्रवार को था कि अगर पीएम मोदी हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करेंगे तो विपक्षी दल I.N.D.I.A उनके साथ होगा. गोगोई ने कहा, “इंडिया अलायंस एकमात्र प्रतिनिधिमंडल है जो लगातार मणिपुर के दौरे पर है… हमने हमेशा कहा है कि अगर प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहते हैं, तो हमें इसका हिस्सा बनने में खुशी होगी।
सरकार के लोगों को इलाज कराने की जरूरत-सपा
वहीं, इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने मणिपुर के साथ ही केंद्र की सरकार पर निशाना साधा है। सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री की बातें सुनकर लगता है कि वहां के मुख्यमंत्री को इलाज कराने की जरूरत हैं। वहां की सरकार पूरी तरीके से फेल हो चुकी हैं। राष्ट्रपति वहां की सरकार को तुरंत भंग करे।
संसद में सरकार पर दबाव डालेंगे
विपक्षी सांसदों ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि संसद में सरकार पर दबाव डालेंगे। सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की और कहा कि मणिपुर की समस्या का हल निकले। ऑल पार्टी मीटिंग हो मणिपुर को लेकर सबको एकजुट होकर पहल करना चाहिए। वैली के लोग हिल्स नहीं जा रहे और हिल्स के लोग वैली नहीं आ पा रहे हैं।