दुनिया के नब्बे देशों की जेलों में 8330 भारतीय नागरिक कैद हैं। इनमें से सर्वाधिक खाड़ी देशों और नेपाल की जेलों में हैं। अमरीका, ब्रिटेन, चीन, इटली, पाकिस्तान व मलेशिया की जेलों में बंद भारतीयों की संख्या भी सैकड़ों में है। जबकि कई देशों में लागू कठोर निजता कानून के चलते इसकी जानकारी आसानी से साझा नहीं करते और जो देश जानकारी साझा करते हैं वे भी विदेशी कैदियों की विस्तृत जानकारी देने से बचते हैं।
यह जानकारी लोकसभा में शुक्रवार को एक तारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में सामने आई। विदेश मंत्री सुब्रह्मण्य जयशंकर ने सदन में पेश जवाब में बताया कि विदेशी जेलों में कैद भारतीयों को हर सम्भव सहायता प्रदान करने के प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने भारतीय दूतावासों से प्राप्त जानकारी के हवाले से कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से साल 2014 के बाद 4597 भारतीय कैदियों को विदेशी सरकारों से क्षमादान मिला है या उनकी सजा कम की गई है।
जयशंकर के अनुसार भारत ने आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, बहरीन, फ्रांस, ईरान, इस्रायल, इटली, कुवैत, सऊदी अरब, यूएई व तुर्की जैसे 31 देशों के साथ सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण संबंधी करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत विदेशों में बंद भारतीय कैदियों को शेष सजा काटने के लिए भारतीय जेलों में स्थानांतरित किया जा सकता है। करार के तहत साल 2006 से जनवरी 2022 तक 75 भारतीयों को विदेशी जेलों से स्थानांतरित करवाया गया है, जबकि 11 विदेशी नागरिकों को उनके देश की जेलों में भेजा गया है।
इन विदेशी जेलों में सर्वाधिक भारतीय
यूएई | 1611 |
सऊदी अरब | 1461 |
नेपाल | 1222 |
कतर | 696 |
कुवैत | 446 |
मलेशिया | 341 |
पाकिस्तान | 308 |
अमरीका | 294 |
बहरीन | 277 |
ब्रिटेन | 249 |
चीन | 178 |
इटली | 157 |
