अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 हादसे का शिकार हो गई, इस भयानक हादसे में जहां 241 यात्रियों की जान चली गई, वहीं एक नाम ऐसा भी था जो मौत के मुंह से वापस लौटा – रमेश विश्वास कुमार, सीट नंबर 11A के यात्री। अब हर कोई यही जानना चाहता है कि आखिर ड्रीमलाइनर जैसे विमान में ये सीट होती कहां है, जिसने एक जान बचाने में भूमिका निभाई?
Seat 11A की लोकेशन: कहां होती है ये ‘जिंदगी वाली’ सीट?
बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान में सीट 11A आमतौर पर इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति में, बाएं तरफ विंडो सीट होती है। यह सीट अक्सर बिजनेस क्लास और इकोनॉमी क्लास के बीच वाली पोजीशन पर होती है और इसके पास ही इमरजेंसी एग्जिट डोर भी मौजूद रहता है।
सीट 11A ने कैसे बचाई रमेश की जान?
फ्लाइट टेकऑफ के दो मिनट बाद ही जब विमान बीजे मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकराकर गिरा, तब रमेश उसी सीट पर बैठे थे। बताया जा रहा है कि धमाके के तुरंत बाद वह किसी तरह अपने होश में आए, और निकट के इमरजेंसी एग्जिट से कूदकर बाहर निकलने में सफल रहे।
रमेश का बयान: “मैं जैसे ही उठा, चारों ओर लाशें थीं। मैं बस भागा… किसी ने मुझे पकड़ा और एम्बुलेंस तक पहुंचाया।”
एक सवाल, जो सबके मन में है- क्या वाकई 11A ‘लकी सीट’ है? या ये बस एक संयोग था, जो रमेश की जान बचा गया?
बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 के विशेषज्ञों के मुताबिक, 11A सीट इमरजेंसी विंडो के पास होती है, जहां से बाहर निकलने का एक मौका अधिक रहता है। यही मौका रमेश के हिस्से आया।
चारों ओर लाशें थीं, मैं बस भागा…
हॉस्पिटल में भर्ती रमेश ने मीडिया को बताया, “मैं जैसे ही होश में आया, देखा कि मेरे चारों ओर लाशें थीं। प्लेन के टुकड़े बिखरे थे। मैं उठा और दौड़ने लगा। किसी ने मुझे खींचकर एम्बुलेंस में डाला।” उनकी ये बात सुनने वाले हर शख्स की रूह कांप गई। उनके शरीर पर गहरी चोटें हैं, लेकिन उनका ज़िंदा होना किसी चमत्कार से कम नहीं।
वीडियो वायरल, पूरा देश भावुक
हादसे के कुछ ही समय बाद रमेश का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे खुद चलकर सड़क पर मदद मांगते दिखे। उनके शरीर से खून बह रहा था, पर वो होश में थे और बार-बार कह रहे थे, “मैं बच गया…”। बताया जा रहा है कि रमेश अपने भाई के साथ यात्रा कर रहे थे, लेकिन उनके भाई का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।