June 8, 2025 6:17 pm

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यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं खुद स्ट्रेचर पर, वेंटिलेटर की व्यवस्था न होने पर 12 घंटो में 4 नवजातों की सांसे थमी |

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिला महिला अस्पताल के विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (SNCU) में 12 घंटे के भीतर चार नवजात शिशुओं की मौत ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी. इन चारों बच्चों की स्थिति बेहद गंभीर थी और उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता थी, लेकिन अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी. डॉक्टरों ने परिजनों को उच्च चिकित्सा संस्थानों में ले जाने की सलाह दी थी, लेकिन आर्थिक मजबूरी और संसाधनों के अभाव में परिजन बच्चों को रेफर नहीं कर पाए.

मृत बच्चों में दो जुड़वां भाई भी शामिल 
मृत बच्चों में चार जून को जन्मे दो जुड़वां भाई भी शामिल हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने कहा, “ बच्चों के परिजनों को पहले ही बता दिया गया था कि बच्चों का वजन बेहद कम है, ऐसे में यहां पर उचित इलाज की व्यवस्था नहीं है। किसी अन्य जगह रेफर कराने के लिए वे लोग तैयार नहीं हुए, अभी और भी कई बच्चे गंभीर हालत में हैं।”

रेफर होने पर भी नहीं लेकर गए बच्चों के परिजन 
जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इंदुकांत वर्मा ने पुष्टि की कि सभी ” चार बच्चे गंभीर रूप से कम वजन के थे, जिनका वजन 780 ग्राम से 1,100 ग्राम के बीच था और जुड़वां बच्चों का वजन 1,150 ग्राम और 1080 ग्राम था।” डॉ. वर्मा ने बताया कि जन्म के समय बहुत कम वजन होने के कारण बच्चे जीवित नहीं रह पाए। उन्होंने बताया कि बच्चों को उचित उपचार के लिए अपनी एम्बुलेंस से सैफई मेडिकल कॉलेज भेजने की पेशकश की थी, लेकिन बच्चों के परिजनों ने बदायूं में ही उपचार पर जोर दिया।

अस्पताल की व्यवस्था पर उठे सवाल

एसएनसीयू प्रभारी डॉ. संदीप वार्ष्णेय ने बताया कि सभी नवजातों का वजन कम था और प्री-मैच्योर डिलीवरी के कारण हालत गंभीर थी. उन्होंने बताया कि सभी को समय रहते रेफर कर दिया गया था लेकिन परिजन उन्हें उच्च केंद्रों तक नहीं ले जा सके. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इंदूकांत वर्मा ने स्वीकार किया कि अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार शासन को पत्राचार किया गया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है.

वर्तमान में एसएनसीयू में 12 वार्मर बेड हैं, लेकिन कई बार 15 से 18 नवजातों को एडजस्ट करना पड़ता है. वेंटिलेटर के अभाव के चलते कई बार बच्चों को तत्काल रेफर करना पड़ता है. इस बार भी वेंटिलेटर की कमी इन चार मासूम जिंदगियों को निगल गई.

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