April 30, 2025 10:52 am

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महाकुंभ में स्नान का क्या है महत्व, जाने कब और किन तिथियों में होंगे प्रयागराज महाकुंभ के शाही स्नान |

प्रयागराज महाकुंभ में स्नान Prayagraj Maha Kumbh Snan और शाही स्नान Shahi Snan का महत्व धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत गहरा है। ये अनुभव श्रद्धालुओं के जीवन में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। महाकुंभ के दौरान स्नान करने के इस अवसर को आत्मिक उन्नति और पवित्रता का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है, जो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि समाज के स्तर पर भी एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है।

Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: प्रयागराज महाकुंभ में स्नान और शाही स्नान का अत्यधिक महत्व है। यह धार्मिक आस्था का प्रतीक है और श्रद्धालुओं के लिए आत्मा की शुद्धि एवं पापों से मुक्ति का एक प्रमुख माध्यम है। स्नान के समय, भक्तजन ध्यान और प्रार्थना करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागरूकता प्राप्त होती है। इस प्रकार स्नान न केवल शारीरिक स्वच्छता का कार्य करता है बल्कि यह आत्मिक और मानसिक शुद्धि का भी साधन है।
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Importance of Maha Kumbh Snan महाकुंभ स्नान का महत्व
महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं का मानना है कि पवित्र गंगा, यमुना और काल्पनिक सरस्वती नदियों के संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और आत्मा को शांति मिलती है। यहां स्नान करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो हिंदू धर्म में सर्वोच्च लक्ष्य माना जाता है।

Importance of Maha Kumbh Shahi Snan महाकुंभ शाही स्नान का महत्व
महाकुंभ में शाही स्नान विशेष महत्व रखता है। यह स्नान एक निश्चित तिथि पर आयोजित किया जाता है, जो ज्योतिष गणनाओं के आधार पर निर्धारित होता है। इस स्नान के दौरान सबसे पहले साधु-संत, विशेष रूप से नाथ, अघोरी और अन्य धर्मगुरु संगम में स्नान करते हैं। उनके बाद आम भक्त स्नान करते हैं।

शाही स्नान के समय संगम पर भीड़ काफी अधिक होती है क्योंकि यह दिन विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इस दिन स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और इसे अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। श्रद्धालु यहां पर अधिक से अधिक संख्या में जुटते हैं, जिससे एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न होता है।

सामुदायिक एकता और श्रद्धा
शाही स्नान का आयोजन न केवल व्यक्तिगत आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामुदायिक एकता का भी प्रतीक है। यहां विभिन्न जातियों, समुदायों, और संस्कृतियों के लोग एक साथ आकर अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाते हैं। यह सामूहिक अनुभव उन्हें एकता और भाईचारे की भावना से जोड़ता है।

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Prayagraj Maha Kumbh Mela Bathing Dates for 2025 कुंभ महापर्व प्रयागराज 2025 की पुण्य स्नान तिथियां
पहला स्नान- पौष शुक्ल एकादशी (पुत्रदा एकादशी) 10 जनवरी, 2025

दूसरा स्नान- (प्रथम स्नान पर्व) पौष पूर्णिमा 13 जनवरी, 2025

तीसरा स्नान- प्रथम शाही स्नान माघ कृष्ण प्रतिपदा (मकर संक्रांति) 14 जनवरी, 2025

चौथा स्नान- माघ कृष्ण एकादशी 25 जनवरी, 2025

पांचवां स्नान- माघ कृष्ण त्रयोदशी 27 जनवरी, 2025

छठा स्नान- द्वितीय प्रमुख शाही स्नान माघ मौनी अमावस्या 29 जनवरी, 2025

सातवां स्नान- अंतिम शाही स्नान माघ शुक्ल पंचमी बसंत पंचमी 2 फरवरी, रविवार

कुम्भ महापर्व की विशेष सूचना- प्रयागराज में 3 फरवरी, 2025 को सूर्योदय पर पंचमी तिथि होने से शाही स्नान 3 फरवरी, सोमवार के सूर्य निकलने पर आरंभ होगा।

आठवां स्नान- द्वितीय स्नान पर्व माघ शुक्ल सप्तमी रथ सप्तमी 4 फरवरी, 2025

नौवां स्नान- माघ शुक्ल अष्टमी भीष्माष्टमी 5 फरवरी, 2025

दसवां स्नान- माघ शुक्ल एकादशी जया एकादशी 8 फरवरी, 2025

ग्यारहवां स्नान- मादक योदशी सोम प्रदोष व्रत 30 फरवरी, 2025

बारहवां स्नान- तृतीय स्नान पर्व माघ पूर्णिमा, 12 फरवरी 2025

तेरहवां स्नान- फाल्गुन कृष्ण एकादशी, 24 फरवरी, 2025

चौदहवां अन्तिम स्नान- महाशिवरात्रि, 26 फरवरी, 2025

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