उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में सर्राफा लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में एनकाउंटर को लेकर मचे सियासी बवाल के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार बयान जारी किया है। उन्होंने यूपी पुलिस जाति धर्म के आधार पर कार्रवाई नहीं करती है। पुलिस पर इस तरह के आरोप लगाना निराधार है।
पुलिस कानून के तहत कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि “पुलिसकर्मियों को हथियार सिर्फ सजाने के लिए नहीं दिए गए हैं”, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य में अपराधियों से सख्ती से निपटा जाता है, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में उचित जांच और संतुलन होना चाहिए। यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोगों द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों के दायरे में काम कर रही है।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मंगेश का जाति देखकर एनकाउंटर किया गया है । वही मंगेश के परिवार ने भी आरोप लगाया है कि एनकाउंटर से दो दिन पहले पुलिस रात को ही उसे घर से उठा ले गई थी और फिर उसका एनकाउंटर हो गया।
गौरतलब है कि बीते 28 अगस्त को सुल्तानपुर शहर में चौक क्षेत्र के ठठेरी बाजार में भरत जी सर्राफा के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की लूट हुई थी आज एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक डीके शाही टीम के साथ थे, इसी दौरान कोतवाली देहात अंतर्गत मिश्रपुर पुरैना में लूट को अंजाम देने वाले आरोपियों से मुठभेड़ हो गई। घटना में शामिल मुख्य आरोपियों में से 1 लाख के इनामी बदमाश मंगेश यादव पुत्र राकेश यादव निवासी ग्राम अगरौरा थाना बक्श जौनपुर पुलिस से उसकी मुठभेड़ हो गई, जिसमें उसकी मौत हो गई।