श्री कृष्ण छठी विशेषकर उत्तर भारत में मनाया जाने वाला एक धार्मिक पर्व है। यह पर्व विशेष रूप से बच्चे के जन्म के बाद उसकी छठी के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इसे कृष्ण छठी भी कहा जाता है, जो जन्म के छठे दिन की पूजा का प्रतीक है। यह व्रत और पूजा परिवार के नये सदस्य के जीवन में सुख-समृद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

कृष्ण छठी का शुभ मुहूर्त: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया गया। अब इसके 6 दिन बाद कृष्ण छठी मनाई जाएगी। इस बार कृष्ण छठी 1 सितंबर 2024 को है।

कृष्ण छठी के दिन क्या करना चाहिए: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। घर को स्वच्छ करें और पूजा स्थल को साफ करके वहां पीला वस्त्र बिछाएं।

कृष्ण छठी की पूजा सामग्री: पूजा के लिए दीपक, फूल, चंदन, नैवेद्य (भोग) और विशेष रूप से गेंहू के आटे से बनी छठी की मिठाई का उपयोग करें। साथ में घी या तेल का दीपक तैयार करें।

कृष्ण छठी की पूजा विधि: घर पर इस विधि से करें श्री कृष्ण की छठी की तैयारी
गृह देवता की पूजा: पहले घर के मुख्य देवता की पूजा करें और फिर भगवान कृष्ण की प्रतिमा या चित्र को स्नान कराकर विशेष वस्त्र पहनाएं।

नैवेद्य अर्पण: भगवान कृष्ण को विशेष रूप से माखन-मिश्री, मेवे, मिठाई, फल, और दूध का भोग अर्पित करें।
मंत्र जाप: ॐ कृष्णाय नमः मंत्र का जाप करें और भगवान कृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करें।
आरती: पूजा के बाद आरती करें और दीपक जलाकर घर के सभी सदस्यों को प्रदक्षिणा कराएं।

भोजन: पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य साथ में भोजन करें। विशेष रूप से इस दिन खास व्यंजन जैसे खीर, पूरी और सब्जी बनाएं।
दान: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करना भी पुण्यकारी माना जाता है।
