उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे अतिक्रमण रोधी अभियान में अवैध इमारतों को गिराने का काम पूरा हो गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बुलडोजर सहित भारी मशीनों से लगभग 1169 अवैध आवासीय संपत्तियों और 100 से अधिक व्यावसायिक संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया।
अवैध अतिक्रमण हटाने का काम पिछले साल दिसंबर से किया था शुरु
करीब 24.5 एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए पिछले साल दिसंबर में ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया गया था। क्षेत्र में 1320 से अधिक अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया गया है। इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के धार्मिक स्थल भी शामिल हैं। एलडीए के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को करीब 100 इमारतों को ध्वस्त किया गया। अधिककारी ने बताया अब मलबा हटाने का काम शुरू किया गया है।
जिन परिवारों के घर गिराए गए हैं उन्हे मिले पीएम आवास
अकबरनगर के जिन परिवारों के घर गिराए गए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर के दूसरे हिस्से में वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए गए हैं। अकबरनगर के 1800 से अधिक परिवारों को आवास मिल चुका है। राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में एक ‘इको-टूरिज्म हब’ विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच भूमाफिया ने तत्कालीन शासन के साथ सांठगांठ कर पर्यावरण संरक्षण के मानकों को दरकिनार करते हुए कुकरैल नदी के इर्दगिर्द बहुमंजिला इमारतें एवं शोरूम बना दिये थे।
कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अवैध कॉलोनियां बनी
राज्यप्रवक्ता ने बताया कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अवैध कॉलोनियां भी बसा दी थीं, जबकि इस क्षेत्र में रिहायशी एवं व्यवसायिक निर्माण नहीं हो सकता। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर नवंबर 2023 में कुकरैल नदी के आसपास बसे अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के 1,068 अवैध आवासीय और 101 व्यावसायिक निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।
भूमाफियाओं ने SC में मामले को दी चुनौती
उन्होंने बताया कि सरकार की कार्रवाई को भूमाफिया व करोड़पति कब्जेदारों ने उच्चतम न्यायालय तक में चुनौती दी थी। प्रवक्ता ने बताया कि सरकार भूमाफिया के शिकार हुए अकबरनगर के गरीब निवासियों के साथ लगातार मजबूती से खड़ी है, अवैध निर्माण को हटाने से पहले अधिकारियों ने हर गरीब परिवार से संवाद किया था। उन्होंने कहा कि इस दौरान सभी गरीब परिवार का पुनर्वास कराते हुए करीब दो हजार लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटित किये गये हैं।