April 30, 2025 4:08 am

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नेता सदन को कभी-कभी हमारी चिंता हो जाती है हम अखिलेश के चाचा थे, हैं और रहेंगे -शिवपाल सिंह यादव |

उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को बजट पर चर्चा के दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘हम अखिलेश के चाचा थे, हैं और रहेंगे।’ वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि पिछली सरकारों में उप्र बीमारू राज्यों की श्रेणी में था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की डबल इंजन की सरकार ने इसका स्वरूप बदल दिया है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार, 5 फरवरी को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपए का प्रस्‍तावित बजट पेश किया था।

CM योगी को कभी-कभी हमारी चिंता हो जाती है: शिवपाल यादव
मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि ”नेता सदन (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) को कभी-कभी हमारी चिंता हो जाती है। लगता है कि वह ‘चाचा-परिचर्चा’ कर रहे हैं।” उन्‍होंने कहा कि ”अध्यक्ष जी मैं आपके माध्यम से कहना चाहूंगा कि चाचा पीडीए के थे, हैं और रहेंगे। खांटी समाजवादी थे, हैं और रहेंगे। अखिलेश के चाचा थे, हैं और रहेंगे।” हालांकि जब यादव बजट पर चर्चा कर रहे थे, तब सदन में योगी आदित्यनाथ मौजूद नहीं थे। अखिलेश यादव जरूर उनकी बातों पर मुस्‍कुरा रहे थे। मुख्‍यमंत्री अक्सर सदन में अपने संबोधन के दौरान शिवपाल सिंह यादव की चर्चा करते हैं और अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहते हैं कि वे अपने चाचा का सम्मान नहीं करते।

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प्रदेश के इतिहास का यह सबसे बड़ा बजट छलावा: शिवपाल यादव
वर्ष 2016 से मैनपुरी में पिछले वर्ष हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान तक सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच कई बार मनमुटाव हुए। ल‍ेकिन मैनपुरी उप चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का सपा में विलय कर अखिलेश यादव के साथ मजबूती के साथ आ गये। यादव ने अपने संबोधन में कहा कि जब फुटबॉल का कोई अच्छा खिलाड़ी मिलता तो गोल ठीक हो जाता। वित्त मंत्री जी, मैनपुरी में तो अंदाजा लग गया होगा। शिवपाल सिंह यादव ने बजट को धोखा करार देते हुए कहा कि प्रदेश के इतिहास का यह सबसे बड़ा बजट छलावा है। उन्‍होंने कहा कि उप्र के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है लेकिन सिर्फ बड़ा होना अच्छी बात नहीं है। बजट को लाभकारी, समावेशी और प्रभावशाली होना चाहिए। यदि कबीर दास होते तो इस बजट की तुलना पिछले बजट के परिणामों से करते हुए कहते कि ”बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।” उन्‍होंने बजट को बेकार बेमतलब बताते हुए एक शेर के माध्‍यम से कहा कि गरीब का दीपक अंधेरे में नहीं जल पा रहा है और वित्त मंत्री आंधियों में चिराग जला रहे हैं।

असली रामराज लाने में UP सरकार पूर्णतया: विफल: शिवपाल यादव
यादव ने कहा कि ”भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ, अच्छी बात है लेकिन राम मंदिर तो पड़ाव है। लक्ष्य राम राज्‍य की स्‍थापना होनी चाहिए। काश, आप पूरे प्रदेश को अयोध्‍या बनाने और पूरे प्रदेश में राम राज्य का ख्वाब देखने वाला बजट प्रस्तुत करते।” उन्‍होंने दावा किया कि असली रामराज लाने में यह सरकार पूर्णतया: विफल है। यादव ने कहा कि ”समाजवाद ही रामराज्य है, बिना समाजवाद के रामराज्य नहीं आ सकता।”

 

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