बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में भगवान राम और सनातन धर्म के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। धीरेंद्र शास्त्री राम मंदिर जाने को लेकर अति उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ”राम मंदिर आज तक की समस्त सनातनियों की सबसे बड़ी विजय है। यह उत्सव दीपावली से बहुत ज्यादा खास है। निश्चित ही कोई अभागा होगा, जिसको इस दिन का इंतजार न हो।”
उन्होंने आगे कहा, ”हमको तो है, राम भक्तों को है। केवल भारतीयों को नहीं, दुनियाभर में रहने वाले भारतवंशियों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार है। धीरेंद्र शास्त्री ने सभी लोगों से अपील की है कि सभी इस दिन दीपावली मनाएं। उत्सव का उत्साह बहुत है। प्रेम अधिक होता है तो वाणी कम बोलती है, आंखें ज्यादा बोलती हैं। ठुमका लगाने को जी चाहता है। अयोध्याजी जाने को जी चाहता है।”इससे पहले सनातन धर्म को अहिंसा के परम धर्म के रूप में बताया है और उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा करने का अधिकार हमें है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म में विवादों की जगह संवाद को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हमें विवाद नहीं, संवाद चाहिए।”
बागेश्वर बाबा ने आगे यह भी जताया कि आस्था की मिटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए और यह भी स्पष्ट कर दिया कि एक धर्म के अनुयायियों को दूसरे धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “संसार नहीं रुक रहा है। वैज्ञानिक भी कहते हैं कि ब्रम्हांड का विस्तार हो रहा है। ऐसे में लकीर नहीं खींची जा सकती है।” इससे साफ होता है कि धीरेंद्र शास्त्री संतुलित और विश्वासप्रद दृष्टिकोण के साथ धर्मिक और वैज्ञानिक सिद्धांतों को समर्थन कर रहे हैं।
धीरेंद्र ने की राम की निंदा करने वालों की आलोचना
धीरेंद्र ने उन लोगों की भी आलोचना की है जो अपने ही धर्म के लोगों को भगवान राम को मांसाहारी बता रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन लोगों को ही ठिकाने लगाना है। इसीलिए हिंदू राष्ट्र चाहिए।” उन्होंने यह भी जताया कि भगवान राम की छवि उन विचारों के साथ मेल नहीं खाती, जो उन्हें मांसाहारी बता रहे हैं। मर्यादा के प्रतीक भगवान राम इतने नग्न नहीं हैं जितने वो बोल रहे हैं। टिप्पणी करने वाले पहले हमारे शास्त्रों व वेदों को पढ़ें और उनमें से उत्तर निकालें।’ धीरेंद्र शास्त्री ने अयोध्या के भव्य राम मंदिर के बारे में भी अपने विचार साझा किए।
मौजूदा और नई प्रतिमा दोनों मंदिर में विराजमान होंगी
उन्होंने बताया कि रामलला की मौजूदा और नई प्रतिमा दोनों मंदिर में विराजमान होंगी और इससे लोग दूर से ही दर्शन कर पाएंगे। साधु-संतों की सहमति से यह निर्णय लिया गया है और कहा, “इतना बड़ा मंदिर है तो सरकार का विग्रह भी भव्य होना चाहिए।” शास्त्री जी ने यह भी उजागर किया कि आध्यात्मिक दृष्टि से बड़े विग्रह का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। NCP (शरद गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के बारे में भी वार्ता हुई है, जिन्होंने पहले भगवान राम को मांसाहारी बताया था, पर उसके बाद माफी मांग ली।
बागेश्वर बाबा ने यह भी स्पष्ट किया कि राम हमारे दिलों में हैं और वे चुनावों के लिए श्रीराम को ला रहे हैं।धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान से स्पष्ट होता है कि उन्होंने भगवान राम के अद्वितीय और मर्यादा पुरुषोत्तम रूप को बचाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है और अपने उदार और विश्वासप्रद विचारों के माध्यम से सामाजिक सुधार और सद्भावना की बढ़ावा दी है।
बीजेपी पर भी की बात
बीजेपी पर बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ”मैं नहीं कह सकता कि बीजेपी राजनीति कर रही है या नहीं। राजीव गांधी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था, इस पर उन्होंने कहा कि वह धन्यवाद के पात्र हैं। हम किसी के समर्थक नहीं हैं। हम समर्थक हैं तो सिर्फ राम के।” उन्होंने आगे कहा, ”देश के हिंदू बदल रहे हैं. सनातन जाग रहा है. हम भी सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं. हिंदू राष्ट्र हमारी अवधारणा है. ये कोई एजेंडा नहीं है. सभी हिंदुओं को इसे अपना अधिकार समझना चाहिए. .हिंदू बेटियों के साथ घटनाएं नहीं होनी चाहिए। जागो हिंदू का मतलब किसी को भगाना नहीं है, बल्कि उन्हें जगाना है। हिंदुओं के साथ जो पहले हुआ है वह भविष्य में नहीं होना चाहिए।”
राम मंदिर के अभिषेक को लेकर उत्सव जैसा माहौल
राम मंदिर के अभिषेक को लेकर उन्होंने कहा कि इसे लेकर पूरे देश में दिवाली का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि कई पीढ़ियां इस मौके को देखने का इंतजार कर रही थीं। बाबा बागेश्वर ने यह भी बताया कि उन्हें भी प्राण प्रतिष्ठा में आने का निमंत्रण मिला है और वह भी इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जायेंगे।