उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भी कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहा और घने कोहरे की वजह से ट्रेनों के परिचालन तथा वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित रही। वहीं, कश्मीर घाटी में शीत लहर के प्रकोप के साथ न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है और श्रीनगर की डल झील समेत जलाशयों में पानी जम गया है।
दिल्ली के कुछ इलाकों में घना से मध्यम कोहरा छाया रहा
राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को मंगलवार की सुबह तेज सर्द हवाओं का सामना करना पड़ा, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 8.3 डिग्री सेल्सियस रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दिल्ली के कुछ इलाकों में घना से मध्यम कोहरा छाया रहा। भारतीय रेलवे के अनुसार, कोहरे के कारण दिल्ली आने वाली 26 ट्रेनें एक से छह घंटे तक विलंबित हुईं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, सुबह साढ़े छह बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में 346 दर्ज किया गया।

आईएमडी ने दिल्ली में अगले सात दिनों तक हल्के से मध्यम कोहरे की स्थिति का पूर्वानुमान लगाया है। राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से दो डिग्री कम है। दिल्ली में मंगलवार को आर्द्रता का स्तर 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के बीच रहा। आईएमडी ने बुधवार को आसमान मुख्यतः साफ रहने और सुबह में हल्का कोहरा छाये रहने का पूर्वानुमान जताया है। बुधवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 18 और नौ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

दिल्ली में मंगलवार शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 340 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। दिसंबर 2023 राष्ट्रीय राजधानी में छह वर्षों में सबसे गर्म रहा। दिल्ली में पिछले महीने (दिसंबर में) एक भी ‘शीत लहर’ वाला दिन दर्ज नहीं किया गया।
राजस्थान के कई हिस्सों में सुबह घना कोहरा छाया रहा
वहीं, राजस्थान के कई हिस्सों में सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। जयपुर हवाईअड्डे पर दृश्यता 50 मीटर दर्ज की गई। रेगिस्तानी राज्य के कुछ हिस्सों में ठंड की स्थिति बनी रही और सीकर में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि फलौदी में 4.8 डिग्री, करौली में 5.2 डिग्री, जैसलमेर में 5.4 डिग्री, पिलानी में 5.7 डिग्री, सिरोही में छह डिग्री और धौलपुर में 6.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। जयपुर में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस बीच, पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहा।
पंजाब के बठिंडा में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस किया गया दर्ज
पंजाब के बठिंडा में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटियाला में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, अमृतसर में न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस, लुधियाना में आठ डिग्री सेल्सियस और फरीदकोट में 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा के हिसार में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि करनाल में न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार सुबह दोनों राज्यों में कई स्थानों पर कोहरा छाया रहा। पिछले सप्ताह क्षेत्र में ज्यादातर इलाकों में सुबह के समय घना कोहरा छाया हुआ था। पिछले दो दिनों के दौरान क्षेत्र के अधिकतम तापमान में भी भारी गिरावट देखी गई है। वहीं, कश्मीर घाटी में सोमवार रात न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे रहा, जो शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। हाउसबोट में रहने वाले झील के लोगों को अपनी नावों को किनारे की ओर घुमाते समय बर्फ की परत को तोड़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

कश्मीर के कई इलाकों में जम गए जल आपूर्ति के पाइप
अत्यधिक शीत लहर की स्थिति के कारण कश्मीर के कई इलाकों में जल आपूर्ति के पाइप जम गए हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उत्तरी कश्मीर के पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है। यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है। इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है, जिससे प्रसिद्ध डल झील सहित जलाशय में पानी जम जाता है।
चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा
घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फबारी भी होती है। चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा। ‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा। इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर रहता है। इस दौरान शीत लहर जारी रहती है।