August 5, 2025 4:17 pm

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बिहार की नीतीश सरकार ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़े किये जारी ,36 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग की आबादी |

बिहार की नीतीश सरकार ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसमें बताया गया कि बिहार में 36 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग की आबादी है।

नीतीश सरकार ने जाति आधारित जनगणना के डेटा जारी कर दिए हैं। काफी लंबे समय से इस जनगणना को लेकर विवाद हो रहा था। इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाया गया था। लेकिन यह जनगणना कराई गई और अब आंकड़े सामने हैं। जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 36 प्रतिशत है, जबकि पिछड़े वर्ग की आबादी लगभग 27.12 प्रतिशत है। दोनों वर्ग को मिला दें तो साफ़ है कि यहां पिछड़ा वर्ग की टोटल आबादी 63 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
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सवर्णों की तादाद कितनी

विकास आयुक्त विवेक सिंह ने बिहार सरकार की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि राज्य में सवर्णों की आबादी 15.52 प्रतिशत है। भूमिहार 2.86 प्रतिशत, ब्रहाणों 3.66 प्रतिशत, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 प्रतिशत, मुसहर की आबादी 3 प्रतिशत, यादवों की आबादी 14 प्रतिशत और राजपूत की आबादी 3.45 प्रतिशत है।

बिहार के सीएम ने क्या कहा

डेटा जारी होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने ट्विट कहा, “आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !”

“जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है।”

“जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।”

आकड़ें जानिए

जारी आंकड़े के मुताबिक बिहार की कुल जनसंख्या 13,07,25,310 है, जिसमें पिछड़ा वर्ग (OBC) 35463936, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) 4,70,80,514, अनुसूचित जाति (SC) 2,56,89,820, अनुसूचित जनजाति (ST) 21,99,361, अनारक्षित (General) 2,02,91,679 हैं। धर्म के आधार पर आबादी की बात करें तो 81.99 % हिन्दू, 17. 7% मुसलमान, .05% ईसाई , .08% बौद्ध धर्म के लोग हैं। जाति आधारित आंकड़ों की बात करें तो यहां ब्राह्मण 4781280, राजपूत 4510733, कायस्थ 785771, कुर्मी 3762969, कुशवाहा 5506113, तेली 3677491 और भूमिहार 3750886 हैं।

केसी त्यागी बोले- नीतीश कुमार को सलाम करते हैं

“कर्पूरी ठाकुर और वी.पी. सिंह के बाद पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में नीतीश कुमार उभरे हैं। आज साबित हुआ है कि वे (पिछड़ा वर्ग) 63% हैं। हम नीतीश कुमार को सलाम करते हैं और चाहते हैं कि देश में घूमकर जनता को आंदोलित करें जिससे हर राज्य को जातीगत जनगणना करानी पड़े। यह अगले चुनाव के लिए एजेंडा तय हुआ है।

बीजेपी बोली- रिपोर्ट में कुछ नया नहीं

बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी किए जाने पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा, “रिपोर्ट में कुछ नयापन नहीं है। जो अनुमान था वही है। आप जो बता रहे हैं वह लगभग सबको पता है… इसमें जब तक पिछड़े लोगों के क्षेत्र के हिसाब से कुछ विस्तृत आता है तब पता चलेगा कि गणना की सच्चाई क्या है… बिहार का कितना कल्याण और उत्थान हुआ? चुनाव के समय अब यह कौन सा चमत्कार करेंगे यह हर समाज के लोग समझते हैं… इनके पास ना वीजन, ना नीति और ना ही नियत है।”

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