भारतीय रेलवे के इतिहास में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और CEO के रूप में कार्यभार संभालने वाली जया वर्मा सिन्हा पहली महिला हैं। उन्होंने आज कार्यभार संभाल लिया हैं। इसके पहले जया वर्मा ने रेलवे बोर्ड में संचालन और व्यवसाय विकास के रूप में कार्य कर रही थी। भारतीय रेलवे में जया वर्मा ने अपना 35 साल का समय दिया है अब अध्यक्ष और सीईओ के पद पर कार्यकरेंगी।
जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड में अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। सिन्हा पहली महिला है जो रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्त की गयी हैं। वह अनिल कुमार लाहौटी की जगह लेंगी। वर्तमान में सदस्य ( संचालन और बिजनेस डेवलपमेंट) सुश्री सिन्हा एक सितम्बर शुक्रवार को अपना नया पदभार संभालेंगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नयी रेलवे बोर्ड अध्यक्ष का कार्यकाल 31 अगस्त 2024 तक रहेगा।
1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुई
सिन्हा ने 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुई तथा दक्षिण पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्व रेलवे में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी है। वह पूर्व रेलवे के सियालदह डिवीजन में मंडल रेल प्रबंधक और दक्षिणी पूर्व रेलवे में मुख्य वाणिज्य प्रबंधक भी रही हैं। बंगलादेश में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार रहने के दौरान सिन्हा के कार्यकाल में कोलकाता से ढाका के लिए मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन हुआ था।
प्रयागराज की रहने वाली हैं जया वर्मा
जया वर्मा सिन्हा का प्रयागराज में ही उनका जन्म हुआ था। जया वर्मा की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुई है। वह मूल रूप से भारतीय रेलवे यातायात सेवा 1986 बैच की भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा से जुड़ी हैं। सिन्हा रेलवे बोर्ड की मौजूदा प्रमुख अनिल कुमार लोहाटी का स्थान लेंगी। रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य विजयलक्ष्मी विश्वनाथन थीं, लेकिन जया वर्मा पहली बोर्ड महिला अध्यक्ष और सीईओ बनाई गई हैं। सेंट मेरी कान्वेंट इंटर कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद जया वर्मा सिन्हा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी (पीसीएम) की। इसके बाद इसने मनोविज्ञान से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
उनकी स्कूली शिक्षा से लेकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई प्रयागराज से ही हुई है। उनके पिता वीबी वर्मा सीएजी ऑफिस में क्लास वन अफसर थे। जया वर्मा के बड़े भाई जयदीप वर्मा यूपी रोडवेज में क्लास वन अफसर रहे। रिटायमेंट के बाद ये लखनऊ में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. इनका पैतृक निवास अल्लापुर स्थित बाघम्बरी हाउसिंग स्कीम में है। वर्मा ट्रेनिंग के बाद 1990 में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सहायक वाणिज्य प्रबंधक (एसीएम) चुनी गईं। कहा जाता है कि इनके कार्यकाल के दौरान कोई कर्मचारी आंदोलन नहीं हुए, क्योंकि ये सभी की समस्या सुनती थीं और समाधान करती थीं।