उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज उस समय हड़कंप मच गया जब एक गर्भवती महिला ने प्रदेश की राजयपाल के सरकारी निवास राजयपाल भवन की दहलीज पर ही मजबूरी में एक बच्चे को जन्म दिया , सड़क पर जन्मे इस बच्चे की कुछ ही समय में रखरखाव न हो पाने के कारण मौत हो गई |
उत्तर प्रदेश सरकार वैसे तो लगभग रोज़ ही प्रदेश के विकास को लेकर तमाम दावे पेश करती है और तरह तरह के बयान जारी करती है ,पर इसी सरकार का स्वास्थ्य महकमे को खुद इलाज की दरकार है | आलम यह है की बड़े बड़े दावे करने वाला उत्तर प्रदेश का यह महकमा अब मरीजों को समय पर एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है | पिछली समाजवादी सरकार में शुरू हुई 108 एम्बुलेंस की सेवा अब लगता है अपनी अंतिम साँसे गिन रही है |
ताजा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हज़रतगंज का है | प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को जब काफी समय इंतज़ार के बाद एम्बुलेंस नहीं मिली तो उसका पति रिक्शे से ही अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल चल पड़ा , पर महामहिम राज्यपाल के निवास के पास पहुँचते ही प्रसव पीड़ा तेज़ हो गयी , आस पास से निकल रही महिलाए मदद के लिए आगे आयीं और एक चादर लगाकर बच्चे का जन्म कराया पर सही रख रखाव न हो पाने के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया , मामले की खबर लगते ही मामला संभालने के लिए खुद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को मैदान में उतरना पड़ा | जिसे जाना था वो थो चला गया पर सोचने वाली बात यह है की जिस प्रदेश की राजधानी का यह हाल है उस प्रदेश के अन्य जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था का राम ही मालिक है | वैसे उत्तर प्रदेश की सरकार भी श्री राम के ही सहारे है |