January 10, 2025 12:58 pm

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मुंबई बेस्ट की परिवहन बसों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी , यात्रियों का हाल बेहाल |

मुंबई में सार्वजनिक परिवहन निकाय ‘बेस्ट’ से सबद्ध निजी बस संचालकों की बसों के चालकों की वेतन में वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर चल रही हड़ताल शनिवार को चौथे दिन भी जारी रही, जिसके कारण 1,000 से अधिक बसें सड़कों से नदारद रहीं। इस हड़ताल की वजह से यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम के प्रवक्ता सुनील वैद्य ने बताया कि परिवहन निकाय से सबद्ध कुल 1,671 निजी बसों में से 1,077 बसें 18 डिपो में खड़ी रहीं।

बेस्ट उपक्रम शहर में 27 डिपो का संचालन करता है।

प्रवक्ता ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने यात्रियों को राहत देने के लिए बेस्ट के छह डिपो से 104 बसें चलाईं। सबद्ध निजी बसों के चालकों ने बुधवार को वेतन में वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल आरंभ की थी। बेस्ट के चार बड़े निजी बस संचालकों मातेश्वरी, एसएमटी (डागा समूह), हंसा और टाटा मोटर्स के चालक इस हड़ताल में शामिल हैं। वैद्य ने कहा,‘‘ बेस्ट के निजी संचालकों को अपने कर्मचारियों से बात कर हड़ताल समाप्त कराने को कहा गया है। वहीं उपक्रम समझौते के नियमों और शर्तों के अनुसार इन कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर रहा है।’’

उन्होंने बताया कि बेस्ट अपने बस चालकों का अधिकतम उपयोग कर रही है, जो संचालकों से पट्टे पर ली गई 390 बसों पर तैनात हैं।

हड़ताल के पहले दिन, पट्टे पर ली गई 160 बसें नहीं चलीं जबकि दूसरे दिन बुधवार को यह संख्या बढ़कर 1,000 से अधिक हो गई। इसके बाद शुक्रवार को 1300 बसें सड़कों से नदारद रहीं। हड़ताल से रोज सफर करने वाले रात्रियों के लिए सबसे अधिक मुश्किलें पैदा हो रही हैं। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे चालकों का दावा है कि पिछले तीन वर्षों में उनके वेतन में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई है जिससे उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि बेस्ट उपक्रम के कर्मचारियों की मासिक आय की तुलना में उनका वेतन काफी कम है।

महानगर में सार्वजनिक बस सेवा प्रदान करने वाले ‘बेस्ट’ ने कुछ ठेकेदारों से बस पट्टे पर ली हैं। इसके तहत निजी संचालकों के पास वाहनों का मालिकाना हक होता है और इनके रखरखाव, ईंधन और चालकों के वेतन से जुड़ी जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। ‘बेस्ट’ की लगभग 3,100 बसों की मदद से मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और मीरा-भायंदर शहरों में प्रतिदिन 30 लाख से अधिक यात्री सफर कर करते हैं। इन 3,100 बसों में से बेस्ट की अपनी 1,340 बसें हैं।

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