9 नवंबर 2019 में राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद 5 अगस्त 2020 में भव्य राम मंदिर निर्माण की पहली आधारशिला रखी गई दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महान कार्य के लिए अयोध्या पहुंचे थे और दोपहर 12:15 अभिजीत मुहूर्त में मंदिर निर्माण के लिए चांदी की 9 शिलाओं को नींव में रखे जाने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ। आज 36 माह पूरे हो चुके हैं। जिसके अंतर्गत मंदिर राजस्थान के पत्थरों से मंदिर के भूतल को तैयार कर लिया गया है और 161 फुट ऊंचे 5 गुम्बद वाला अयोध्या का पहला भव्य मंदिर बन रहा है।
राम मंदिर निर्माण श्री होने के साथ राम जन्मभूमि परिसर की भौगोलिक परिस्थितियों को भी बदल दिया गया मंदिर निर्माण के साथ राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला पर भव्य मंदिर का निर्माण और जटायु की स्टेच लगाया जाएगा इसके साथ ही परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है तो वही भगवान राम के जीवन काल में अहम भूमिका निभाने वाले देवी-देवताओं व सप्त ऋषियों के भी मंदिर बनाए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही पूरे परिसर को हरा-भरा बनाए जाने के लिए लगभग 40 एकड़ में लैंडस्कैपिंग प्राकृतिक सौंदर्य बनाए जाने की योजना से सुसज्जित करने की योजना बनाई गई है।
राम मंदिर में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के तीन प्रमुख मूर्तिकार अलग-अलग मूर्ति को तैयार करने का कार्य कर रहे हैं राम मूर्ति भगवान श्री राम लला के 5 वर्षीय 51 इंच की बनाई जा रही है। हाथ में धनुष बाण और सिर पर मुकुट धारण किए हुए रामलला की मूर्ति सुशोभित होंगी। जिसे कमल दल पर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए रामसेवक पुरम कार्यशाला में राजस्थान के सफेद संगमरमर और दक्षिण भारत से लाए गए श्यामशिला पर भगवान की मूर्ति को तैयार किया जा रहा है।
