दिल्ली के ग्रेड-ए अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक आज काफी शोरशराबे के बाद लोकसभा से पास हो गया। बिल पास होने के बाद इस पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने ट्विट के माध्यम से बीजेपी और पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। उन्होंने ट्विट में कहा- “हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। 2014 में मोदी जी ने ख़ुद कहा कि प्रधान मंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया। आगे से मोदी जी की किसी बात पे विश्वास मत करना
लोकसभा में विधेयक पेश होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ”आज लोकसभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले विधेयक पर बोलते सुना। विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है। बस इधर-उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे। वह भी जानते हैं, वह गलत कर रहे हैं।” केजरीवाल ने आगे कहा, ”ये दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है। उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है। ‘इंडिया’ ऐसा कभी नहीं होने देगा।’
कुर्सी पर पेपर के फेंकने के आरोप में आप के इकलौते सांसद निलंबित
स्पीकर ओम बिरला की कुर्सी पर पेपर फेंकने के आरोप में आम आदमी पार्टी के इकलौते लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू को निलंबित कर दिया गया है। सांसद रिंकू को संसद के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। ऐसे में वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। बता दें कि इससे पहले AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी पूरे मॉनसून सत्र के लिए निलंबित किए जा चुके हैं। सुशील कुमार रिंकू पंजाब के जालंधर लोकसभा सीट से सांसद हैं। पहले वो कांग्रेस में थे। लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस ने इसी साल 5 अप्रैल को उन्हें निष्कासित कर दिया था।
दिल्ली सर्विस बिल पारित होने से क्या-क्या बदल जाएगा
यह बिल लोकसभा में पारित हो गई है अब राज्य सभा में यह बिल जाएगी जहां से पारित होने के बाद बाद से दिल्ली के मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की शक्तियां काफी हद तक कम हो जाएंगी। दिल्ली में जो भी ग्रेड-ए अधिकारी तैनात होंगे, जिनके फैसले से काफी असर पड़ता है, उनपर दिल्ली सरकार का कंट्रोल खत्म होगा और ये शक्तियां उपराज्यपाल (LG) के जरिए केंद्र सरकार के पास चली जाएंगी।
दिल्ली सेवा बिल में नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाने का प्रावधान है। दिल्ली के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे। अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्य सचिव एक्स ऑफिशियो सदस्य, प्रिसिंपल होम सेक्रेटरी मेंबर सेक्रेटरी होंगे। अथॉरिटी की सिफारिश पर LG फैसला करेंगे, लेकिन वे ग्रुप-ए के अधिकारियों के बारे में संबधित दस्तावेज मांग सकते हैं। अगर अथॉरिटी और एलजी की राय अलग-अलग होगी तो LG का फैसला ही सर्वोपरि माना जाएगा।
आप सांसद संजय सिंह ने कल कहा था भले हीं मोदी सरकार इस बिल को लोकसभा से पास करा लेगी, (जो अब हो चुकी है), लेकिन उच्च सदन में हम विपक्षी दल एकजुट होकर इसे गिरा देंगे। लेकिन उनके दावे में दम नहीं है क्योंकि मोदी सरकार को अब नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी का भी साथ मिल गया है। बीजेडी के कारण दोनों सदनों में मोदी सरकार के अंकगणित में भी बढ़ोतरी हो जाएगी, और संजय सिंह के दावे धरे के धरे रह जाएंगे। सोमवार को यह बिल राज्य सभा में लाया जाएगा।