एमपी में विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बीजेपी और कांग्रेस कमर कस चुकी है। दोनों पार्टियों के केंद्रीय नेता भी सक्रिय हो चुके हैं। अब बीजेपी में घोषणापत्र बनाने की कवायद चल रही है। इसके लिए प्रदेश भाजपा की घोषणा-पत्र समिति की पहली बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि इस बार जनता से राय लेकर घोषणा-पत्र बनाया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा व चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अगुवाई में हुई बैठक में कांग्रेस के वचन-पत्र की छाया भी दिखी। एक सदस्य कांग्रेस का 2018 का वचन-पत्र लेकर पहुंचे। वचन पत्र से बेहतर घोषणा-पत्र बनाने की बात हुई।
घोषणा-पत्र समिति के प्रमुख जयंत मलैया ने सभी सदस्यों से पूछा कि किस प्रकार घोषणा-पत्र तैयार करना चाहिए। नेताओं ने अलग-अलग राय दी। इसके बाद तय हुआ कि जनता से राय लेकर घोषणा-पत्र बनाया जाए, ताकि जनता के असल मुद्दे आ सकें। कांग्रेस के मुद्दों की भी चर्चा हुई।
ये भी तय हुआ कि भोपाल में अगले पंद्रह दिन के भीतर सभी बड़े नेता जुटे। सभी दिग्गज नेता एकजुट होकर घोषणा-पत्र के लिए सुझाव लेने के अभियान का आगाज करेंगे। इसके बाद हर जिले व विधानसभा में सुझाव लिए जाएंगे। ऑनलाइन व ऑफलाइन व्यवस्था की जाएगी। ऑनलाइन के लिए पोर्टल बनाकर ईमेल लिए जाएंगे, जबकि ऑफलाइन के लिए बॉक्स व मैन्युअल पत्र लिए जाएंगे। मलैया खुद हर संभाग में जाकर सुझाव लेंगे।
इस बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान की विभिन्न घोषणाओं और कामों को भी जनता को बताने पर चर्चा हुई। ये तय किया गया कि सरकार के परफॉर्मेंस को बताया जाए। घोषणा-पत्र में ये भी रखा जाएगा कि भाजपा सरकार ने क्या-क्या किया। इसमें प्रारंभिक रूप से सीएम की घोषणाएं और अन्य पूरे किए विकास कामों को भी रखना तय हुआ।
बैठक में समिति सदस्य बनने के बाद कई ऐसे नेता जुटे, जो लंबे समय से हाशिये पर थे। मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, राज्यवर्धन सिंह, अजय प्रताप सिंह, सेवानिवृत्त आइएएस कवींद्र कियावत, एसएनएस चौहान, दीपक विजयवर्गीय, अतुल सेठ, मनोज पाल यादव, इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और डॉ. विनोद मिश्रा शामिल हुए।