आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने सबसे पहले संरक्षित वाजूखाने को छोड़ते हुए पूरे परिसर की पैमाइश की है। दो घंटे चली पैमाइश के बाद टीम अब हर पत्थर की हाइट नाप रही है। परिसर के चारों कोने पर स्टैंड कैमरे लगाकर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई जा रही है। इसके अलावा आतंरिक दीवारों की भी फोटो और वीडियोग्राफी कराई गई है। टीम ने सीढ़ियों पर लगे पत्थर के सैंपल लिए गए। अब ज्ञानवापी के सभी कमरों और बरामदे की फोटो-वीडियो ग्राफी की जा रही है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे ASI की टीम ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार यानी GPR या जिओ रेडियोलॉजी सिस्टम या दोनों का ही प्रयोग कर जांच कर सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो पुरानी इमारतों और खंडहरों के सर्वे में ASI, GPR और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है। ज्ञानवापी के सर्वे में भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
