UP Power Cut: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूरे यूपी में बिजली कटौती सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। एक तरफ जहां तीन दिनों में बलिया में 54 लोगों की मौत हो गई वहीं अन्य जिलों का हाल भी बेहाल है। इस बीच यूपी के राजनीतिक दलों ने भी अब बिजली को लेकर सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है।
विपक्ष ने अपनाए तीखे तेवर कांग्रेस, सपा, बसपा और रालोद ने एक साथ सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का आरोप है कि जनता गर्मी से जूझ रही है। लोगों की मौतें हो रही हैं और बीजेपी सरकार 9 साल का जश्न मना रही है। इस बीच बलिया में हुई मौतों को लेकर सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया है जो पूरे मामले में अपनी रिपोर्ट देगी। इस बीच बलिया मामले में सरकार ने एक हाइलेवल कमेटी का गठन किया है। जो जांच के लिए बलिया पहुंच गई है। बलिया में ‘बुखार से हुई मौतों’ की जांच के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित एक उच्च-स्तरीय टीम रविवार को जिला अस्पताल में तीन दिनों में लू से संबंधित 54 मौतों की सूचना के बाद जिले में पहुंची। बलिया पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ केएन तिवारी (निदेशक चिकित्सा देखभाल) और डॉ एके सिंह (निदेशक संक्रामक रोग) को शामिल करते हुए, टीम ने उस जिला अस्पताल का दौरा किया जहां मौतों की सूचना दी गई थी और 15 जून से यहां दर्ज सभी मौतों के बारे में जानकारी ली। 40 फीसदी मौतें ही बुखार की वजह से टीम के प्रभारी डॉ एके सिंह ने कहा कि, “अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले तीन दिनों में 54 मौतें (15 जून को 23, 16 जून को 20 और 17 जून को 11) हुई हैं। मोटे तौर पर, 60% मौतें अन्य बीमारियों से जुड़ी थीं, जबकि 40% की मौत का कारण बुखार था।” बसपा प्रमुख मायावती ने साधा निशाना बसपा की मुख्यिया मायावती ने कहा है कि यूपी में पिछले कई दिनों से जारी भीषण गर्मी की आफत में राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में बिजली की ज़बरदस्त कमी ने लोगों का जीवन त्रस्त कर रखा है, जिससे बलिया व अन्य ज़िलों से मौत की खबरें अति-दुःखद। सरकार बिजली व्यवस्था तुरन्त सुधारे तथा अस्पतालों आदि में बिजली कटौती न करे।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग में ‘बिजली गुल’ है। पेयजल आपूर्ति ठप होने से बुजुर्ग, बीमार लोग, बच्चे, विद्यार्थी और महिलाएं सभी परेशान हैं। पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान किए गए बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण में जो समेकन और वृद्धि हुई थी, उसे भाजपा सरकार द्वारा बढ़ाया नहीं गया था। बल्कि भाजपा पिछली सरकार द्वारा किए गए बिजली के बुनियादी ढांचे को भी बनाए नहीं रख सकी। शोषण व उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी जनता सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, “यह ‘बिजली’ आने वाले समय में सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाएगी. जनता ‘महंगी बिजली’ और ‘विघटनकारी बिजली आपूर्ति’ के रूप में किसी भी शोषण और उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेगी। बिजली संकट को दरकिनार कर नौ साल का जश्न मना रही सरकार
कांग्रेस के पूर्व नेता प्रमोद तिवारी ने उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को लेकर सरकार पर निशाना साधा। तिवारी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में लोग ‘अभूतपूर्व’ बिजली कटौती से परेशान हैं। सत्तारूढ़ दल बिजली संकट से निपटने के लिए ठोस प्रयास करने के बजाय सत्ता में भाजपा सरकार के नौ साल पूरे होने का जश्न मनाने में व्यस्त है। आरएलडी ने भी सरकार को घेरा राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, जब से इस सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से बिजली आपूर्ति लोगों के साथ लुकाछिपी का खेल खेल रही है। गांवों में बमुश्किल ही बिजली की आपूर्ति होती है, जबकि शहरी क्षेत्रों में फाल्ट या अघोषित बिजली कटौती के कारण बार-बार बिजली गुल हो जाती है। पिछली सरकार में बिजली की आपूर्ति बहुत बेहतर थी। इस सरकार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है।