August 6, 2025 10:56 am

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2024 लोकसभा चुनाव में अखिलेश की रणनीति

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की भारी पराजय का दावा करते हुए कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों (पीडीए) की एकता राजग-भाजपा पर भारी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी, गरीब का सम्मान और उसे न्याय तथा सुविधाएं दिलाना बड़ा मुद्दा होगा तथा गरीब, किसान, नौजवान भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे।
विपक्षी दलों की एकता के मामले पर अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्षी एकता का फॉर्मूला यही हो सकता है कि जो दल जिस प्रदेश में मजबूत हो, उसको आगे करके ही बाकी दल चुनाव लड़ें। चुनाव और एकता के लिए बड़े दिल की जरूरत होती है। जो दल भाजपा को हराना चाहते हैं, वे समाजवादी पार्टी का साथ देने में बड़ा दिल दिखाएं। समाजवादी पार्टी का लक्ष्य भाजपा को प्रदेश की सभी 80 सीट पर हराना है। जनता बदलाव चाहती है।
यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है? उनके 6 साल के कार्यकाल में न एक जिला चिकित्सालय बना, न ही एक हवाई अड्डा बना। प्रदेश में निवेश आने की बड़ी उम्मीदें थीं, हकीकत में निवेशक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। समाजवादी सरकार में बिना निवेशक सम्मेलन किए उत्तरप्रदेश में एचसीएल आया, सैमसंग का संयंत्र लगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिसकी तैयारी जमीन पर होगी, वही लड़ पाएगा। भाजपा बड़ी-बड़ी कंपनियों की भाड़े पर लेकर पैसों से चुनाव लड़ती है। भाजपा से लड़ने के लिए समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को जमीन पर तैयार कर रही है।
जातीय जनगणना पर जोर देते हुए समाजवादी नेता ने कहा कि ‘जातीय जनगणना के बाद ही सामाजिक न्याय मिल पाएगा, क्योंकि आबादी के हिसाब से हक और सम्मान देना है तो जातीय जनगणना जरूरी है। यादव ने दावा किया कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी तो जातीय जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा समाज को तोड़ने और लड़ाने का काम करती है। वह सामाजिक न्याय की विरोधी है।
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